
श्रद्धा सात्विक , राजसिक और तामसिक होती है l इन तीन प्रकारकी श्रद्धा के अनुरूप जीवन निर्माण होते जाता है l सर्वश्रेष्ठ सात्विक श्रद्धा है l जिन्हे अपने जीवन को ऊँचाई पर ले जाना है उन्हें सात्विक श्रद्धा को ही धारण करना अनिवार्य है l सात्विक श्रद्धा ही जीवन में दिव्यता प्रदान करती है l सात्विक श्रद्धा ही ईश्वर की ओर ले जाती है l सात्विक श्रद्धा नारकीय जीवन से बाहर निकालती है l श्रद्धा करो तो सर्वश्रेष्ठ करो जो जीवन को नया आयाम देनेवाली हो , जीवन को सर्व संपन्नतासे भरनेवाली हो l प्रभु के व्दार की ओर ले जानेवाली हो l अनंत से प्रीति करनेवाली हो l हृदय में सद्भावना , प्रेम , शांति की सुगंध फैलानेवाली श्रद्धा हो l मानव को जोड़नेवाली हो। श्रद्धा में भेदवादीता भाव ना हो। सत्य की और ले जानेवाली श्रद्धा हर एक के दिल में विकसित होनी चाहिए।